
✍️सुमित गुप्ता/ mo.no.8305141062
आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गया है।। वही प्रत्याशियों के नए नए वादे और विकाश की बातें भी होने लगे है और मतदाताओं को रिझाने कई तरकीबें भी की जाएगी लेकिन जब धरातल में विकाश की बात की जाए तो बिल्कुल शून्य है जी ह हम बात कर रहे है जशपुर ब्लॉक के दूसरे सबसे बड़े पंचायत लोदाम की जहां विकाश के नाम पर सिर्फ यहां की जनता को सिर्फ और सिर्फ चावल ही मिला है।।
चुनाव विशेष
ग्राम पंचायत लोदाम में चुनाव प्रचार तेज हो चुका है और चुनावी मैदान में कई अनुभवी दिग्गज और 2 पूर्व सरपंच भी मैदान में आमने-सामने है।
लोदाम ग्राम पंचायत में सरपंच पद हेतु कुल 5 नामांकन दाखिल किए गए थे जिसमें एक दमदार युवा प्रत्याशी “सरवन सिंग” जो कि वर्तमान में क्षेत्र क्रमांक 3 के बी.डी.सी रह चुके है जो कि किन्ही कारणों से अपना नामांकन वापस ले लिया वहीं अब ग्राम पंचायत लोदाम सरपंच पद के लिए चार उम्मीदवार दावेदारी कर रहे हैं और अपनी चुनाव प्रचार जोर-जोर से शुरू भी कर दिया है।।
जिसमें पहली प्रत्याशी वर्तमान में लोदाम की रह चुकी बी.डी.सी.”दीपिका भगत” भी इस बार सरपंच दौड़ में शामिल है जिससे चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है।। दूसरे नंबर की प्रत्याशी लोदाम पंचायत सरपंच पद हेतु वर्तमान सरपंच रह चुकी “देवकी प्रधान” भी दौड़ में शामिल है। तीसरे नम्बर के प्रत्याशी जो लगातार सरपंच पद हेतु प्रयासरत रह रहे “कुलदीप भगत” भी सरपंच पद के दावेदार हैं।वही चौथे नंबर के प्रत्याशी लोदाम पंचायत के पूर्व सरपंच के पति “मर्यानुष कुजूर” उर्फ “भिंडुल” भी अपनी दावेदारी कर रहे हैं
जिससे चुनावी माहौल गर्म हो चुका है।।

लोदाम की जनता का मिज़ाज…..
लोदाम के मतदाताओं से जब पूछा गया कि इस बार वह किस आधार पर वोट करेंगे..??
ग्रामीणों का जवाब था कि हमारा जो ग्राम पंचायत लोदाम है वह छत्तीसगढ़ झारखंड बॉर्डर पर स्थित है जो की बहुत ही सेंसिटिव इलाका है जहां आए दिन कई घटनाएं होती रहती हैं लेकिन आज तक किसी भी चौक चौराहे और मेन रोड पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई गई है और सभी चौक चौराहे सालों से अंधेरे में है।। आपको बता दे की कुछ महीने पहले ही रोड में लाइट नहीं होने के कारण कई मवेशियों को ट्रक ने कुचल दिया था और कई दुर्घटनाएं भी लाइट नहीं होने के कारण हो चुकी है। जो मूलभूत सुविधाएं हैं लोगों को वह भी आज तक ग्राम पंचायत लोदाम में यहां के जनता को नहीं मिला है।। दूसरी सबसे बड़ी समस्या जो यहां की जनता को झेलना पड़ रहा है वह पानी का है 5 साल बीत गए लेकिन पानी की एक बूंद भी जल नल योजना के तहत यहां के ग्रामीणों को नसीब नहीं हुआ और ना ही नाली निर्माण कार्य या उसकी साफ सफाई भी नहीं हुई है और अगर हुई भी है तो सिर्फ कागजों मे हुआ होगा।।
जनप्रतिनिधि मतलब सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने वाला न हो बल्कि जरूरत पड़ने पर आपके काम आ सके, आपकी सहायता करने में सक्षम हो ऐसे व्यक्ति को चुने। न कि ऐसे व्यक्ति को जो सिर्फ स्वयं का ही विकाश करे और अपने तक ही सीमित हो।
सर्वांगीण विकास के लिए बेहतर प्रतिनिधि चुने।